कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 16 जून 2015

सुषमा के बहाने, राजनीतिक ऑक्सीजन तलाशती कांग्रेस !

रविवार से ख़बरों में सिर्फ सुषमा स्वराज ही हैं, सुषमा पर आरोप लगे हैं कि सुषमा स्वराज ने ललित मोदी की मदद की। ललित मोदी सुषमा की कृपा से लंदन से पुर्तगाल गए और अपनी बीमार पत्नी के साथ रहने के बाद वापस लंदन आ गए !
सुषमा स्वराज ने ललित मोदी की भारत से पुर्तगाल जाने में मदद की होती और पुर्तगाल पहुंचकर मोदी भारत लौटते ही नहीं, तो समझ में आता कि सुषमा ने ललित मोदी को बीमार पत्नी की मदद के नाम पर भारत से फरार करवा दिया। सुषमा के इस्तीफे की जोर शोर से तब मांग होती, तो समझ में भी आता, लेकिन 2014 के आम चुनाव के बाद से ही राजनीतिक ऑक्सीजन तलाश रही कांग्रेस को तो बस मुद्दा चाहिए था। जो सुषमा-ललित मोदी प्रकरण के बहाने कांग्रेस को मिल भी गया! ऐसे में कांग्रेस क्यों बैठे-बिठाए हाथ आए इस मुद्दे को जाने दे भला ? सुषमा-ललित मोदी प्रकरण के बहाने एक साल पूरा कर चुकी मोदी सरकार को घेराबंदा का मौका जो कांग्रेस को मिला है।
लेकिन कांग्रेस की घेराबंदी कारगर होती नहीं दिख रही है, वजह है सुषमा स्वराज का कद! सुषमा स्वराज इस्तीफा देना चाहें भी, तो शायद ही सुषमा का इस्तीफा मंजूर हो। सुषमा स्वराज का इस्तीफा न सिर्फ सरकार को घेरने की कोशिश कर रही कांग्रेस की बड़ी जीत होगी, बल्कि बीते एक साल में बेदाग होने का दम भर रही मोदी सरकार की एक बड़ी राजनीतिक हार होगी! साथ ही इसके बहाने अगले चार साल तक मोदी सरकार पर कांग्रेस निशाना साधते रहेगी!
ऐसे में सुषमा का इस्तीफे की आस लगाए बैठे लोगों की ये मुराद शायद ही पूरी हो पाए। सुषमा की जगह कोई और छोटे कद का मंत्री होता तो शायद ज्यादा दबाव पड़ने पर उससे इस्तीफा ले भी लिया जाता, हालांकि ये भी भाजपा इतनी आसानी से होने नहीं देती। कुल मिलाकर तो फिलहाल यही कह सकते हैं कि राजनीति की पिच पर मोदी सरकार से सुषमा स्वराज का विकेट गिराना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर ही साबित होता दिख रहा है।
बहरहाल कांग्रेस बाउंसर पर बाउंसर फेंक रही है, लेकिन सरकार, संगठन और संघ के साथ ही कुछ विपक्षी साथी सुषमा की ढ़ाल बनकर मजबूती से सुषमा के साथ खड़े दिखाई दे रहे है। ऐसे में देखना ये रोचक होगा कि एक साल में मोदी सरकार के खिलाफ बमुश्किल हाथ आए इस मुद्दे को कांग्रेस कितने दिन जिंदा रख पाती है।


deepaktiwari555@gmail.com