संसद की एक समिति ने
सांसदों की पगार दोगुनी करने और पूर्व सांसदों की पेंशन 75 प्रतिशत बढ़ाने की
सिफारिश की है। इस ख़बर के बाहर आते ही हंमामा मचा है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर
क्यों सांसदों की पगार दोगुनी की जाए, पूर्व सांसदों की पेंशन में बढ़ोतरी की जाए ?
मुझे तो ये समझ नहीं
आ रहा कि आखिर क्यों हमारे बेचारे सांसदों, पूर्व सांसदों की पगार और पेंशन बढ़ाने
की सिफारिश मात्र पर उन पर ताने कसे जा रहे हैं ?
अब आप ये बताओ जो
सांसद संसद की कैंटिन में बाजार दाम से दस गुना सस्ता खाना खाता हो, उसकी पगार
क्यों न बढ़ाई जाए ? हमारे माननीय के पास
पैसा होता कहां है ? जैसे-तैसे बेचारे
चंदा एकत्र करके लाखों-करोड़ों जमा करते हैं और फिर इस पैसे को खर्च करके चुनाव
जीत कर संसद में पहुंचते हैं, ऐसे में उनकी पगार तो बढ़नी ही चाहिए न।
अब सब्सिडी का खाना
नहीं मिलेगा, पगार नहीं बढ़ेगी तो कैसे हमारे सांसद काम करेंगे ? संसद में कैसे
हंगामा करेंगे ?
संसद को चलने से
रोकने के लिए कैसे पूरे मन से जतन कर पाएंगे ?
पांच साल तक जी-तोड़
मेहनत करते हैं सांसद, ऐसे में 50 हजार रूपए की मामूली पगार में कैसे उनका गुजारा
होगा ?
अब मानसून सत्र शुरु
होने वाला है, कैसे हमारे सांसद महोदय हंगामे के बादल बरसाकर संसद को तर कर पाएंगे
? बहुत काम होता है
भई, बहुत मेहनत करनी पड़ती है, हर कोई नहीं समझ सकता।
पगार की तारीख आते
ही जब हर किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है फिर यहां तो पगार बढ़ने की बात है,
वो भी पूरे 100 फीसदी। अब एक पल के लिए सोचो, सांसदों की पगार दोगुनी हो जाती है
तो फिर वे कितने मन से काम करेंगे। कम से कम संसद में सोएंगे तो नहीं ही ! क्या पता इस जोश में
एक-आध चक्कर अपने संसदीय क्षेत्र का ही लगा लें, जनहित के कुछ काम ही करवा दें।
सोचो देश की जनता का कितना भला होगा ?
इसलिए मैं तो कहता
हूं कि विरोध मत करो। सब मिलकर मांग करो की हमारे सांसदों की पगार सौ फीसदी नहीं
पूरे दो सौ फीसदी बढ़ा दो। पूर्व सांसदों की पगार भी 75 फीसदी नहीं पूरे सौ फीसदी
बढ़ा दो, आखिर उन्होंने भी जनता के लिए सांसद रहते हुए कितना कुछ किया है। संसद
में जनता की आवाज को बुलंद किया है भई।
deepaktiwari555@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें