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बुधवार, 10 दिसंबर 2014

16 दिसंबर, महिला सुरक्षा और ऊबर!

 
16 दिसंबर 2012 की तारीख को शायद ही देशवासी कभी भूल पाएंगे। 16 दिसंबर के बाद महिला सुरक्षा को लेकर एक नई बहस छिड़ी थी और महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून भी बने थे। उस वक्त लगा था कि शायद अब अपराधियों में कानून का खौफ रहेगा और महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी, लेकिन कानून बदलने के बाद देश की राजधानी दिल्ली में हालात नहीं बदले !
अमेरिकी कंपनी ऊबर की कैब में महिला से रेप की ताजा घटना ने महिला सुरक्षा के सवाल को और गहरा दिया है। हैरानी तो उस वक्त होती है जब ये हकीकत सामने आती है कि अमेरिका की प्रतिष्ठित कैब सर्विस देने वाली कंपनी ऊबर ने भारत में गंभीर लापरवाही बरती। रेप करने वाले आरोपी ड्राईवर शिव सिंह यादव का पुलिस वैरिफिकेशन तक नहीं करवाया गया था, जबकि शिव सिंह पर पहले से ही बलात्कार का मामला दर्ज था !
ऊबर कैब सर्विस को भले ही इस घटना के बाद दिल्ली – एनसीआर में तत्काल बैन कर दिया गया हो, लेकिन इससे न पीड़ित लड़की का दर्द कम होने वाला और न ही ये गारंटी मिलती है कि भविष्य में फिर ऐसी घटनाएं नहीं होंगी। पीड़ित ने जो भोगा उसे वो जीवन भर चाह कर भी नहीं भुला पाएगी लेकिन उबर कंपनी के अधिकारी लापहरवाह नहीं होते तो शायद इस घटना को होने से रोका जा सकता था।
महिला सुरक्षा पर बहस फिर से जोर पकड़ने लगी है लेकिन सबसे अहम सवाल यह भी है कि देश की राजधानी में एक कंपनी अपनी कैब सर्विस को चलाती है लेकिन दिल्ली – एनसीआर में कहां से वह कंपनी संचालित हो रही है, कहां पर कंपनी का दफ्तर है कोई नहीं जानता..?
आप चाहकर भी कंपनी के दफ्तर का पता नहीं जान सकते..? कंपनी की वेबसाईट में तक कंपनी का न ही कोई पता है और न ही कोई संपर्क नंबर। सबसे अहम बात ये कि परिवहन विभाग को तक ये जानकारी नहीं है कि कंपनी का दफ्तर या मुख्यालय कहां पर स्थित है! इस घटना के बाद जब दिल्ली पुलिस ने कंपनी के दफ्तर पहुंचना चाहा तो ये दिल्ली पुलिस के लिए टेढ़ी खार साबित हुआ। दिल्ली पुलिस को पहले कंपनी का ऐप अपने मोबाईल पर डाउनलोड करना पड़ा और एक कैब बुक करवानी पड़ी, जिसके बाद वे कैब ड्राईवर के जरिए ऊबर कंपनी के दफ्तर पहुंच पाई !
सवाल बड़ा है कि जब एक कैब सर्विस देने वाली कंपनी के बारे में दिल्ली में कोई नहीं जानता तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी में कहां कहां पता नहीं क्या क्या चल रहा होगा ? जिसकी जानकारी न तो पुलिस के पास है और न ही प्रशासन के पास ! आसानी से समझा जा सकता है कि कितनी सुरक्षित है राजधानी ! कितनी सुरक्षित है राजधानी में महिलाएं !

deepaktiwari555@gmail.com

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