मुलायम सिंह को
सीबीआई का बड़ा डर है। डर भी इस कदर की आए दिन सीबीआई के खौफ के किस्से सुनाते
फिरते हैं। कहते हैं कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार डराकर समर्थन लेती है और समर्थन
न देने पर सीबीआई का डर दिखाती है। मुलायम ये भी कहते हैं कि कांग्रेस ने ही उनके
पीछे सीबीआई को लगा दिया और ऐसा ही कुछ कांग्रेस ने डीएमके के साथ भी किया।
मुलायम यहीं नहीं
रुकते वे केन्द्र सरकार पर जमकर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाते हैं। कहते हैं कि
केन्द्र सरकार भ्रष्टाचार के सागर में गोते लगा रही है। कोयला घोटाले,किसानों के
कर्ज माफी घोटाले औऱ हेलिकॉप्टर सरीखे घोटालों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार
ठहराते हुए जमकर कोसते हैं लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस को समर्थन जारी रखते हैं। (पढ़ें- सीबीआई जिंदाबाद..!)
हालांकि इसके पीछे
भी मुलायम अजीब से तर्क देते हैं। एक तरफ आडवाणी की तारीफ करते हैं और दूसरी तरफ
भाजपा की ओर ईशारा करते हुए मुलायम कहते हैं कि वे सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता
में आने से रोकने के लिए ही केन्द्र सरकार को समर्थन दे रहे हैं। मुलायम सिंह की
बातों को अगर गंभीरता से लिया जाए तो मुलायम की बातें मुलायम पर ही कई सवाल खड़े
करती है। मसलन मुलायम समर्थन न देने पर सीबीआई का डर दिखाने का आरोप कांग्रेस पर
लगाते हैं और कांग्रेस को समर्थन जारी रखते हैं...इसका मतलब मुलायम सीबीआई से डरे
हुए हैं और जानते हैं कि समर्थन वापस लिया तो सीबीआई उनके पीछे लगा दी जाएगी और
कहीं सीबीआई के जाल में वे न फंस जाएं। आय़ से अधिक संपत्ति का मामला तो वैसे भी
मुलायम सिंह की कमजोर कड़ी है..!
मुलायम का केन्द्र
सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाना और उसके बाद भी समर्थन देना जारी रखना क्या ये साबित
करने के लिए काफी नहीं है कि मुलायम भी केन्द्र सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार को
अपना समर्थन दे रहे हैं..?
मुलायम भले ही लाख
सफाई दें कि वे सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस को
समर्थन देना जारी रख रहे हैं लेकिन उनकी ये दलील गले तो नहीं उतरती।
अब मुलायम ऐसा
क्यों करते हैं ये तो मुलायम ही जानें लेकिन सीबीआई का खौफ किस कदर मुलायम पर हावी
है ये आए दिन मुलायम की केन्द्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी जाहिर करती है और इसके
बाद भी समर्थन जारी रखने की बात करना इस पर मुहर भी लगाती है। (पढ़ें- सीबीआई- फिर काम आया
ब्रह्मास्त्र..!)
मुलायम ये कभी नहीं
चाहेंगे कि उम्र के इस पड़ाव में केन्द्र सरकार से समर्थन वापस लेकर पंगा लें और
बदले में अपना बुढ़ापा खराब करें..! जाहिर है मुलायम कि नजरें 2014 पर हैं और
वे तीसरे मोर्चे के मुखिया के तौर पर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने का ख्वाब भी
संजो रहे हैं ऐसे में अगर सीबीआई पीछे पड़ गयी तो मुलायम का तीसरे मोर्चे के सहारे
पीएम की कुर्सी पर बैठने का ख्वाब अधूरा रह जाएगा..! यही वजह है कि मुलायम सिंह कांग्रेस के
खिलाफ भड़ास तो खूब निकाल रहे हैं लेकिन समर्थन वापस लेने का दम मुलायम चाह कर भी
नहीं दिखा पा रहे हैं..!
सही मायने में शायद
यही “राज”नीति है...बोलो
कुछ, करो कुछ और दिखाओ कुछ और...मुलायम सिंह भी तो कुछ ऐसा ही कर रहे हैं..! लेकिन देखना ये
होगा कि क्या यूपी की जनता मुलायम के इस रूप को समझ पाएगी और 2014 में साईकिल को
पंचर कर मुलायम की पार्टी को सबक सिखाएगी या फिर 2012 में हुए यूपी के विधानसभा
चुनाव की तरह आम चुनाव में भी साईकिल पर मुहर लगाएगी..!
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