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बुधवार, 1 अगस्त 2012

शिंदे...पावर और धमाका !



शिंदे...पावर और धमाका !

सुशील कुमार शिंदे का ओहदा जरूर बढ़ गया...लेकिन जिन हालात में शिंदे की ऊर्जा मंत्रालय से विदाई हुई...और गृह मंत्रालय में शिंदे का पहला दिन रहा...उसे शिंदे तो शायद ही कभी भूल पाएंगे। ऊर्जा मंत्रालय में आखिरी दिन पावर ग्रिड फेल होने से जब आधा भारत अंधेरे में डूब गया तो शिंदे के चेहरे की हवाईयां उड़ गयी थी...लेकिन ऊर्जा मंत्रालय के प्रमुख से जवाब तलब करने की बजाए हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह साहब ने शिंदे को गृह मंत्री बनाकर मानो शिंदे को इसका ईनाम दे दिया हो...कि शिंदे तुमने तो 24 घंटे में नार्दर्न, ईस्टर्न और नार्थ ईस्टर्न तीन ग्रिड को एकसाथ फेल कर वाकई में कमाल कर दिया। शिंदे जानते थे कि ग्रिड फेल होने पर जवाब तो देना ही पड़ेगा लिहाजा उन्होंने देर नहीं कि और अगले दिन सुबह ही गृह मंत्रालय पहुंचकर गृह मंत्री की कुर्सी संभाल ली...लेकिन शिंदे यहां भी नहीं बच पाए और पुणे में एक के बाद एक चार धमाकों ने रही सही कसर पूरी कर दी...अब जवाब तो देना ही था...पावर ग्रिड फेल होने पर मंत्रालय बदल जाने से वहां तो बच गए थे...लेकिन यहां नहीं बच पाए। कहने को उनके पास कुछ था भी नहीं सो जांच की बात कर बचने की कोशिश करते दिखाई दिए। बहरहाल जो भी हो पुणे में रमजान के माह में औऱ रक्षा बंधन से ठीक एक दिन पहले सीरियल ब्लास्ट ने एक बार फिर से खुफिया एजेंसियों के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल के रख दी है। आम आदमी कितना सुरक्षित है इसका अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि आतंकी आसानी से कहीं भी बम रख कर चले जाते हैं...और खुफिया एजेंसियों के साथ ही पुलिस प्रशासन धमाके के बाद हरकत में आते दिखाई देते हैं...हालांकि इस बार अच्छी खबर ये रही कि इन धमाकों में किसी की जान नहीं गयी...और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है...लेकिन विडंबना ये भी है कि इस बात की खैर मनाकर कि कोई हताहत नहीं हुआ है...हमारी सरकार राहत की सांस लेती है...और जांच के बहाने ये मामले ठंडे बस्ते में चले जाते हैं....बजाए इसके की आगे से ऐसी घटनाएं न हो...दोषियों की गिरफ्तारी हो औऱ उन्हें सजा हो। चिदंबरम साहब के बाद शिंदे साहब ने गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली है तो उम्मीद शिंदे साहब से भी है कि आम नागरिक की सुरक्षा के साथ कम से कम खिलवाड़ न हो और ऐसी घटनाओं को कम से कम रोकने की पूरी कोशिश तो की ही जाए...लेकिन जिस तरह से शिंदे साहब का गृह मंत्रालय संभालते ही और उनके पुणे दौरे से ऐन पहले चार सीरियल बम ब्लास्ट से स्वागत हुआ है...उसके बाद शिंदे साहब के लिए आम भारतीय की सुरक्षा और ऐसी घटनाओं को होने से रोकना किसी मुश्किल चुनौती से कम नहीं है। हम तो बस यही दुआ कर सकते हैं कि आतंकी अपने नापाक ईरादों में कभी कामयाब न हों...और हिंदुस्तान में हर कोई बिना किसी डर के रह सके...बिना डर के कहीं भी आ जा सके...गुड लक शिंदे साहब गुड लक।  

दीपक तिवारी

deepaktiwari555@gmail.com

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